कविता - Apratim : À¤…À¤ªà¥À¤°À¤¤À¤¿À¤®
डॉ़ अनिल कुमार पाठक का नवीनतम काव्य-संग्रह ‘अप्रतिम’ प्रेम और समर्पण के अन्यतम क्षणों का सृजन है। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में प्रबल आस्था रखनेवाले कवि ने इस कृति में शाश्वत मानवीय मूल्य ‘प्रेम’ को आधार बनाया है। डॉ. पाठक आध्यात्मिक विचारों से परिपूर्ण हैं, जिसका आभास इस संग्रह की रचनाओं में भी होता है। कवि के मानस-पटल पर प्रेम के उदात्त मूल्यों की अमिट छाप है, जो जीवन के झंझावातों में संबल प्रदान करता है और प्रेरणा भी देता है। संग्रह के सभी गीत निरंतर बहनेवाले झरने की तरह स्वतः प्रवाहमान हैं। बाह्य तौर पर इस संग्रह की रचनाएँ वैयक्तिक प्रतीत होती हैं, किंतु इनमें समाहित मूल्य सार्वभौमिक एवं सार्वदेशिक हैं। आज के भौतिकवादी, व्यवहारवादी युग में ‘प्रेम’ अत्यंत संकुचित रूप में ग्रहण किया जा रहा है तथा संकीर्ण रूप में ही समझा भी जा रहा है। परंतु कवि की आस्था प्रेम के उस स्वरूप में है, जो असीमित, अपरिमित, अतुलनीय, अमर व अनंत हैं। उसके लिए प्रेम शाश्वत भाव की व्यापक अनुभूति है।
‘प्रेम’ के प्रति कवि की इसी आस्था के कारण इस कृति के गीत, प्रेम की अतल गहराइयों तथा उसकी भावनात्मक ऊँचाइयों से प्रबुद्ध पाठक का परिचय कराते हैं। इस कृति के सभी गीत एक शीतल, प्राणदायक मलयानिल की तरह हैं, जो प्रेम की पवित्रता व पावनता को प्रदूषित करनेवाले वातावरण में संजीवनी प्रदान करते हैं। प्रेम की उदात्त भावनाओं को समेटे हुए इन गीतों के संग्रह का ‘अप्रतिम’ पूर्णतया चरितार्थ होता है।
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Apratim : À¤…À¤ªà¥À¤°À¤¤À¤¿À¤® - by - Prabhat Prakashan
Apratim : À¤…À¤ªà¥À¤°À¤¤À¤¿À¤® - डॉ़ अनिल कुमार पाठक का नवीनतम काव्य-संग्रह ‘अप्रतिम’ प्रेम और समर्पण के अन्यतम क्षणों का सृजन है। भारतीय संस्कृति एवं परंपरा में प्रबल आस्था रखनेवाले कवि ने इस कृति में शाश्वत मानवीय मूल्य ‘प्रेम’ को आधार बनाया है। डॉ.
- Stock: 10
- Model: PP750
- Weight: 250.00g
- Dimensions: 18.00cm x 12.00cm x 2.00cm
- SKU: PP750
- ISBN: 9789389982909
- ISBN: 9789389982909
- Total Pages: 128
- Edition: Edition 1
- Book Language: Hindi
- Available Book Formats: Hard Cover
- Year: 2020
₹ 250.00
Ex Tax: ₹ 250.00